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Tuesday, April 2, 2024

A MUST READ FOR EVERY INDIAN AS TO HOW NGOs IN INDIA ARE BEING USED BY USA TO DESTABLISE OUR COUNTRY :-CONTRIBUTED BY SOMEONE ON SOCIAL MEDIA.

The presence of Barack Obama and 

George Soros in London and meeting anti-India people is not a coincidence.
There is repeated mention of a deep state, of which they are a part, which wants to overthrow the Modi government in India through its agents and brokers. Every day creates a new mess. After all, what is this deep state, why do they keep creating chaos in the whole world.

The Deep State is a gang of rich people who own half of the world's property and wealth. The wealth of each member is more than the GDP of many countries of the world. They control the economy of the entire world.

It is through the deep state that the wealthy want to keep the entire world's business under their control, even if it means killing thousands of people.This deep state has destroyed Iraq, Yemen, Syria and Libya.

If there is no government of their choice then they plot a coup.Capitalists from this deep state run governments in America and Europe. These are the people who create chaos in African countries. 

These deep states make and break governments in Pakistan with the help of the American government. The same deep states are creating chaos in India also through their slaves.They want the people of India to slave for them and buy their goods. The Deep State is a modified version of the East India Company which wants to make Indians its economic slaves by any means.

The biggest gang in the Deep State is the arms lobby of America, which keeps the government there as its puppet.

Thousands of people in America become victims of indiscriminate gunfire every year. After every massacre, especially in schools, every government talks about licenses but becomes silent under the pressure of the arms lobby.

This same arms lobby has been waging wars all over the world for decades.When it ended in Vietnam, it started in African countries. What ended in Iraq then started in Syria and Yemen. Libyan dictator Gaddafi was eliminated.

What ended in Afghanistan then started in Ukraine. The Ukraine war will end only when the arms lobby finds a new battlefield.The arms lobby does not want any other country to enter the world arms market. Russia is a big arms manufacturer and exporter but at present it has to import from China.

The US arms lobby does not like India to import or manufacture weapons from any country other than them.But Modi is made of different material and does not come under their pressure. They also import from Russia and France and are also exporting on a large scale.

Every day a new rocket, missile, tank, heavy gun is being tested. Arms are being exported.In such a situation, it is natural for the deep state to get nervous. They are sending crores and billions of rupees to India through their NGOs and Hawala. What do traitor Indians want, money? He is getting his fill. 

Every day on some pretext or the other they block roads and stop trains due to which the people of the country suffer losses worth crores of rupees every day.A plan has been made to increase exports manifold in the next 5 years.

Open Society Foundation, Rockefeller Foundation, Ford Foundation, Bill Gate Foundation have opened hundreds of NGOs in India.There is hardly any leader within India who does not have one or several NGOs, there is hardly any bureaucrat whose family does not have an NGO. There is hardly any journalist who does not have an NGO. Kejriwal started his NGO in 2000 when he was in government service.Money is coming from abroad to fill all these. Obviously the one who gives money will also get his work done.I do not mean to say that all NGOs are bad. 

Many NGOs are also working for the welfare of the poor and the country.

But some NGOs were engaged only in anti-India activities. Blocking development was on their agenda.If India develops, the business of the deep state will suffer.

Through these NGOs, the Deep State created obstacles in building dams for irrigation in India, and kept filing petitions in the SC to stop the construction of roads on the border in the name of environment. Create obstacles in building highways and expressways.

Roads and transmission lines in forests do not kill.Hundreds of NGOs are still engaged in conversion.Licenses of thousands of NGOs have been canceled but through some illegal means they still reach the traitors in India.♦️













लंदन में बराक ओबामा और जॉर्ज सोरोस का होना और भारत विरोधियों से मिलना कोई इत्तेफाक नहीं है।

बार बार एक डीप स्टेट का जिक्र होता है, जिनके ये हिस्सा हैं, जो भारत में अपने एजेंट्स और दलालों के माध्यम से मोदी सरकार को उखाड़ फेकना चाहती है। हर दिन एक नया बवाल खड़ा करते है।

आखिर यह डीप स्टेट है क्या, क्यों पूरी दुनिया में उथल पुथल करते रहते हैं।

डीप स्टेट उन धनाढ्यों का एक गैंग है जो पूरी दुनिया की आधी संपत्ति और दौलत की मालिक है।

एक एक मेंबर की दौलत दुनियां के कई देशों के GDP से ज्यादा है। ये पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को कंट्रोल करते हैं।

डीप स्टेट के जरिए ही धनकुबेर पूरी दुनिया का व्यापार अपने कंट्रोल में रखना चाहते हैं चाहे इसके लिए हजारों लोगों की जान ही क्यों ना लेनी पड़े।

इसी डीप स्टेट ने इराक, यमन, सीरिया, लीबिया को तबाह किया है। मनमाफिक सरकार नहीं है तो तख्ता पलट करने की साजिश रचते हैं।

इसी डीप स्टेट के कैपिटलिस्ट अमेरिका, यूरोप में सरकारें चलाते हैं। यही लोग अफ्रीकी देशों में उथल पुथल करते हैं। यही डीप स्टेट अमेरिकी सरकार की मदद से पाकिस्तान में सरकारें बनाते बिगाड़ते हैं। यही डीप स्टेट भारत में भी अपने  पाले हुए गुलामों के जरिए उथल पुथल कर रहे हैं।

ये चाहते हैं कि भारत की जनता उनके लिए गुलामी करे, उनके सामान खरीदे। डीप स्टेट ईस्ट इंडिया कंपनी की मोडिफाइड वर्जन है जो किसी भी तरीके से भारतीयों का अपना आर्थिक गुलाम बनाना चाहती है।

डीप स्टेट में सबसे बड़ा गैंग अमेरिका की हथियार लॉबी है जो वहा की सरकार को अपना कठपुतली बना कर रखती हैं।

अमेरिका के अंदर हजारों लोग हर साल अंधाधुंध गोलियों के शिकार होते हैं। हर हत्याकांड, विशेषकर स्कूलों में हत्या के बाद हर सरकार लाइसेंस की बात करती है लेकिन हथियार लॉबी के दबाव में चुप हो जाती है।

यही हथियार लॉबी दशकों से पूरी दुनिया में युद्ध करा रही है।

वियतनाम में खत्म हुआ तो अफ्रीकन देशों में शुरु किया। इराक में खत्म हुआ तो सीरिया, यमन में शुरु हुआ। लीबिया के तानाशाह गद्दाफी को ख़त्म कर दिया।

अफ़गानिस्तान में खत्म हुआ तो यूक्रेन में शुरु हो गया। यूक्रेन युद्ध का अंत तभी होगा जब हथियार लॉबी को नया युद्ध क्षेत्र मिल जायेगा।

हथियार लॉबी नहीं चाहता कि कोई और देश दुनियां के हथियार बाजार में प्रवेश करे। रूस बड़ा हथियार निर्माता और निर्यातक है लेकिन इस समय उसे ही चीन से आयात करना पड़ रहा है।

यूएस के हथियार लॉबी को यह बिल्कुल पसंद नहीं है कि भारत उनके अलावा किसी अन्य देश से हथियार आयात करे या निर्माण करे।

लेकिन मोदी अलग मिट्टी के बने हैं, इनके दबाव में नहीं आते। आयात भी रूस और फ्रांस से करते हैं और बहुत बड़े पैमाने पर निर्यात भी कर रहे हैं।

हर दिन एक नए रॉकेट, मिसाइल, टैंक, हेवी गन का परीक्षण हो रहा है। हथियारों का निर्यात हो रहा है।

अगले 5 साल में निर्यात में कई गुना बढ़ोत्तरी की योजना बनाई जा चुकी है।

ऐसे हालात में डीप स्टेट का बौखला जाना स्वाभाविक है। वे अपने NGOs और हवाला के जरिए करोड़ो, अरबों रुपए भारत में भेज रहे हैं। देशद्रोही भारतीयों को क्या चाहिए, पैसा। वह भर भर कर मिल रहा है। हर दिन किसी ना किसी बहाने सड़के जाम करते हैं, रेल रोकते हैं जिससे देसी को हर रोज करोड़ों का नुकसान होता है।

ओपन सोसायटी फाउंडेशन, राकफेलर फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, बिल गेट फाउंडेशन ने सैकड़ों की तादात में भारत के भीतर NGOs खुलवा दिए हैं।

भारत के भीतर शायद ही कोई नेता हो जिसका एक या अनेक NGO ना हो, शायद ही कोई ब्यूरोक्रेट हो जिसके परिवार के पास NGO ना हो। शायद ही कोई पत्रकार हो जिसके पास NGO ना हो। केजरी ने 2000 में ही NGO शुरू कर दिया था जब वह सरकारी नौकरी में थे।

इन सभी को भर भर कर विदेश से पैसा आ रहा है। जाहिर है जो पैसा देगा, वह अपना भी काम कराएगा।

मेरा कहने का मतलब यह नहीं है कि सारे NGO बुरे होते हैं। बहुत NGO गरीबों और देश की भलाई के लिए भी काम कर रहे हैं।

लेकिन कुछ NGOs तो सिर्फ़ और सिर्फ़ भारत विरोधी कामों में जुटी हुई थी। विकास को अवरूद्ध करना इनके एजेंडे में था।

भारत विकास करेगा तो डीप स्टेट के व्यापार का नुकसान होगा। इन्ही NGOs के जरिए डीप स्टेट ने भारत में सिंचाई के लिए डैम बनाने में रोड़ा अटकाए, पर्यावरण के नाम पर सीमा पर सड़कों के निर्माण को रूकवाने के लिए SC में याचिकाएं दायर करते रहे। हाईवे और एक्सप्रेस वे बनाने में रोड़ा अटकाते हैं। जंगलों में सड़के और ट्रांसमिशन लाइन नहीं ले जानें देते।

सैकड़ों NGO आज भी धर्मांतरण में जुटे हुए हैं।

हजारों NGOs के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं लेकिन किसी ना किसी अवैध रास्ते से भारत में देशद्रोहियों के पास पहुंचा ही देते हैं।♦️

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